भारतीय नौसेना ने मंगलवार को एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए पहली बार एक साथ दो स्टेल्थ फ्रिगेट (INS Udaygiri और INS Himgiri) को कमीशन किया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विशाखापट्टनम में आयोजित समारोह में दोनों जहाजों को नौसेना को सौंपा।
क्यों है यह महत्वपूर्ण?
- यह पहली बार है जब नौसेना ने एक साथ दो आधुनिक युद्धपोत (warships) अपने बेड़े में शामिल किए।
- दोनों जहाज अत्याधुनिक स्टेल्थ तकनीक से लैस हैं, जिससे दुश्मन की नज़र में आने की संभावना बेहद कम हो जाती है।
- इन्हें “Floating F-35” भी कहा जा रहा है क्योंकि ये वायु, सतह और पानी के नीचे से आने वाले खतरों से निपटने में सक्षम हैं।
INS उदयगिरी और INS हिमगिरी की खूबियाँ
- दोनों जहाजों को प्रोजेक्ट-17A के तहत तैयार किया गया है।
- इनकी लंबाई लगभग 149 मीटर और वज़न करीब 6,700 टन है।
- अत्याधुनिक सेंसर, मिसाइल और हथियार प्रणाली से लैस हैं।
- समुद्र में निगरानी, पनडुब्बी रोधी अभियान, वायु रक्षा और सतही युद्ध में दक्ष।
- “मेक इन इंडिया” के तहत भारत में ही निर्मित।
सामरिक महत्व
भारतीय नौसेना को हिंद महासागर क्षेत्र (Indian Ocean Region) में अधिक ताकत मिलेगी। चीन सहित अन्य देशों की बढ़ती समुद्री गतिविधियों को देखते हुए यह कदम भारत की Maritime Security और Blue Water Navy की दिशा में बड़ा कदम है।
रक्षा मंत्री का बयान
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसे भारत की आत्मनिर्भरता और नौसैनिक शक्ति का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि यह भारतीय नौसेना को न केवल समुद्री सीमाओं की सुरक्षा में मदद करेगा बल्कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भी भारत की स्थिति मजबूत करेगा।
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