Google का 27वाँ जन्मदिन: इतिहास, वर्तमान, चुनौतियाँ और भविष्य

Google 27th birthday history doodle 2025

आज Google अपने 27 वें जन्मदिन पर है। यह दिन सिर्फ एक साल का जोड़ नहीं है, बल्कि डिजिटल टेक्नोलॉजी, सूचना खोज और वैश्विक इंटरनेट संस्कृति में टेक कंपनी की भूमिका की पुष्टि है। इस लेख में जानिए Google की शुरुआत, भारत में उसका प्रभाव, नई-नई AI पहलों और चुनौतियाँ—सभी कुछ विश्वसनीय स्रोतों के आधार पर।

Google का आरंभ: इतिहास के कुछ मील के पत्थर

  • 1996-1998: Larry Page और Sergey Brin Stanford यूनिवर्सिटी में PhD कर रहे थे। उन्होंने एक प्रोजेक्ट शुरू किया जिसका उद्देश्य था वेब पेजों के बीच लिंक की “प्रासंगिकता” (relevance) का आकलन कर खोज परिणाम बेहतर बनाना। इसी से Google का मूल सर्च इंजन विकसित हुआ।
  • 4 सितंबर 1998: Google Inc. का कानूनी पंजीकरण हुआ। ये तारीख कंपनी के वैधानिक रूप से अस्तित्व में आने की है।
  • 1999-2004: Google ने तेजी से बढ़त बनाई—AdWords लॉन्च किया गया, डेटा सेंटर बने, और खोज परिणामों में लेखों एवं पेजों की गुणवत्ता और स्पीड पर जोर दिया गया।
  • 2005-2008: Gmail, Google Maps, Google Earth आदि सेवाएँ लोकप्रिय हुईं, साथ ही Android ऑपरेटिंग सिस्टम की शुरुआत हुई।
  • 2010-2015: YouTube, Chrome, Google Drive आदि का विस्तार हुआ; मोबाइल इंटरनेट और सोशल मीडिया के युग में Google ने अपनी प्रासंगिकता बरकरार रखी।
  • 2016-2020: AI, मशीन लर्निंग और क्लाउड कंप्यूटिंग के महत्व में वृद्धि हुई। Google ने बड़े-बड़े माडल, जैसे कि TensorFlow आदि प्लेटफार्म विकसित किए।
  • 2021-2025: AI मॉडल्स जैसे Gemini, AI overviews, पढ़ाई-लिखाई, वीडियो जनरेशन मॉडल Veo आदि पर काम तेज़ हुआ है। Google ने “Agentic Internet” के लिए तैयारी शुरू कर दी है।

भारत में Google: आर्थिक और सामाजिक प्रभाव

Google की पहुँच और भूमिका भारत में बहुत बड़ी हो चुकी है:

  • आर्थिक योगदान: भारत में Google Play और Android इकोसिस्टम ने 2024 में लगभग ₹4 लाख करोड़ का राजस्व उत्पन्न किया।
  • इसकी वजह से लाखों नौकरियाँ बनीं—सीधे और अप्रत्यक्ष दोनों। अनुमान है कि 35 लाख से अधिक नौकरियाँ बनीं इस इकोसिस्टम से।
  • विज्ञापन राजस्व (Ad Revenue): Google India का ग्रॉस एड-राजस्व लगातार बढ़ रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में विज्ञापन खर्च बढ़ा है, जिससे Google की कमाई को बढ़ावा मिला है।
  • व्यावसायिक विकास: अनेक भारतीय डेवलपर्स ने Play Store के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय उपयोगकर्ताओं तक पहुँच बनाई है। घरेलू व अंतरराष्ट्रीय दोनों डाउनलोडों में भारी वृद्धि देखी गई है।
  • Google India की वित्तीय स्थिति: FY 2023-24 में Google India का नेट प्रॉफिट लगभग ₹1,424.9 करोड़ रहा, जो कि पिछले वर्ष से करीब 6.1% अधिक है।

इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि Google सिर्फ टेक कंपनी नहीं है बल्कि भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था का एक अहम स्तंभ है।

वर्तमान में Google की नई पहलकदमियाँ (अप्रैल-सितंबर 2025)

  • Gemini 2.5 Pro और Flash मॉडल: Google ने Gemini (उनका प्रमुख AI मॉडल) को और सक्षम बनाने के लिए Gemini 2.5 Pro और Flash मॉडल जारी किए। ये मॉडल reasoning, multimodal क्षमता (टेक्स्ट, इमेज, वीडियो संवाद), तथा बेहतर सुरक्षा विकल्पों के साथ आये हैं।
  • Gemini Robotics: एक नया मॉडल जो भौतिक दुनिया में AI को प्रयोग करने के लिए तैयार किया गया है, ताकि रोबोटिक उपकरणों में भी AI की क्षमताएँ बढ़ें।
  • मूल्यांकन-और-खोज उपकरण: Google ने अपने सर्च में AI Mode, AI Overviews आदि फीचर्स जोड़े हैं, ताकि उपयोगकर्ता खोज के दौरान बेहतर, सटीक और सूचनापूर्ण उत्तर पा सकें।
  • उपभोक्ता मनोवृत्ति: Google-Kantar के एक रिपोर्ट में पाया गया कि भारत में लगभग 75% लोग चाहते हैं कि AI टूल उनके रोज़मर्रा के कामों में सहयोगी बने, सिर्फ गति नहीं बल्कि रचनात्मकता व जटिल निर्णयों में मदद करें।

चुनौतियाँ और विवाद

Google को सफलताएँ तो मिली हैं, लेकिन चुनौतियाँ भी कम नहीं रही:

  1. गोपनीयता (Privacy) के मामले
    • एक यूएस फेडरल ज्यूरी ने Google को $425 मिलियन का जुर्माना लगाया है क्योंकि उसने उन उपयोगकर्ताओं का डेटा इकट्ठा किया जिन्हें ट्रैकिंग बंद करने का विकल्प चुनने के बाद भी ट्रैक किया गया।
    • अभी हाल ही में, Google और Flo Health को मिलकर $56 मिलियन का सेटलमेंट करना पड़ा ताकि यह आरोप शांत हो सके कि उपयोगकर्ताओं के स्वास्थ्य संबंधी डेटा को एडवरटाइजिंग उद्देश्यों के लिए साझा किया गया।
  2. प्रतिस्पर्धा और नियामक दबाव
    • अमेरिका और यूरोप में antitrust (प्रतिस्पर्धा विरोधी) कानूनों की प्रवृत्ति बढ़ी है, जहाँ Google को बाजार प्रभुत्व के कारण जांचों और दायित्वों का सामना करना पड़ा है।
    • संभावित सुधारों में यह है कि Google को अपने Search इंफ्रास्ट्रक्चर, क्लिक डेटा आदि प्रतियोगियों के साथ साझा करना पड़े — लेकिन यह कदम प्राइवेसी और सुरक्षा की दृष्टि से विवादित है।
  3. उपयोगकर्ता अपेक्षाएँ और AI की सीमाएँ
    • AI मॉडल्स अभी भी गलतियाँ कर सकते हैं—जैसे तथ्यात्मक त्रुटियाँ, पूर्वाग्रह (bias), या ऐसे परिणाम जो हर संस्कृति या भाषाई संदर्भ को पूरी तरह समझें नहीं।
    • संसाधन एवं ऊर्जा खर्च: बड़े AI-मॉडल्स को ट्रेन और deploy करना महँगा है।
  4. भारत-विशेष चुनौतियाँ
    • भिन्न भाषाएँ और संवादात्मक टेक्नोलॉजी में स्थानीय भाषा-समर्थन अभी पूरा नहीं है।
    • डिजिटल साक्षरता और इंटरनेट की पहुँच—ग्रामीण व दूरदराज़ी इलाकों में अभी भी सुधार की व्यापक आवश्यकता है।
    • डेटा गोपनीयता, नीति और नियमन के मामले में भारत में कानून पूरी तरह विकसित नहीं हैं।

भविष्य की संभावनाएँ: कहाँ जा रहे हैं Google के अगले 5-10 साल

Agentic Internet: Google और अन्य टेक दिग्गज अब ऐसी AI एजेंट प्रणाली विकसित कर रहे हैं जो उपयोगकर्ता की औपचारिक “आवश्यकताओं” को समझें और उनके behalf पर निर्णय लें, कार्य करें। जैसे कि यात्रा की बुकिंग करना, वित्तीय लेन-देनों का प्रबंधन आदि।

AI-जनित वीडियो और क्रिएटिव टूल्स: Veo (text-to-video मॉडल), Flow (वीडियो निर्माण उपकरण), Mixboard जैसे AI टूल्स क्रिएटिव क्षेत्र को बदल देंगे।

स्थानीय भाषा और संवादात्मक AI: भारत जैसे देशों में हिंदी, भोजपुरी, मराठी आदि भाषाओं में AI की समझ और संवाद बढ़ाने का कार्य होगा।

साइबर सुरक्षा और गोपनीयता सुधार: उपयोगकर्ता डेटा की सुरक्षा, गुमनामकरण (anonymization), उपयोगकर्ता नियंत्रण (user consent), और डेटा कानूनी ढाँचा सुधारना महत्वपूर्ण रहेगा।

स्थिरता और पर्यावरणीय प्रभाव: डेटा सेंटर्स, AI प्रशिक्षण आदि में पर्यावरणीय ऊर्जा उपयोग कम करना और अधिक हरित (green) तकनीक अपनाना एक प्रमुख विषय बनेगा।

निष्कर्ष

आज Google का 27वाँ जन्मदिन केवल एक जश्न नहीं है — यह एक समय की कहानी है जिसमें सूचना की खोज, उपयोगकर्ता अनुभव, नवाचार, चुनौतियाँ और जागरूकता सभी शामिल हैं।

भारत जैसे बड़े बाजार में Google ने सिर्फ राजस्व नहीं बढ़ाया, बल्कि डिजिटल अर्थव्यवस्था, रोजगार, ऐप डेवलपमेंट और सूचना पहुँच के मामले में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

लेकिन भविष्य में सफलता सिर्फ तकनीकी प्रगति पर निर्भर नहीं करेगी — बल्कि उसके सामाजिक, नैतिक, और कानूनी आयामों पर भी संतुलन बनाए रखने पर निखरेगी। यदि Google इन सब पक्षों को समझ कर आगे बढ़े, तो आने वाले वर्षों में वह और भी अधिक विश्वसनीय, शक्तिशाली और उपयोगी बनेगा।

Comments

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *