चेतेश्वर पुजारा ने भारतीय क्रिकेट को कहा अलविदा: “आधुनिक टेस्ट वॉरियर” की विरासत

cheteshwar pujara step down from all form of cricket

24 अगस्त 2025 भारतीय क्रिकेट के लिए एक ऐतिहासिक दिन बन गया, जब टीम इंडिया के भरोसेमंद नंबर-3 बल्लेबाज़ चेतेश्वर पुजारा ने सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा कर दी।

करियर की झलक

  • डेब्यू: 2010 (टेस्ट बनाम ऑस्ट्रेलिया, बेंगलुरु)
  • कुल टेस्ट: 103
  • कुल रन: 7,195
  • शतक: 19
  • औसत: 43.60

ऑस्ट्रेलिया विजय का अध्याय

2018-19 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ऐतिहासिक जीत में पुजारा का योगदान अविस्मरणीय है। उन्होंने सीरीज़ में 521 रन बनाए और प्लेयर ऑफ द सीरीज़ बने। यह भारत की पहली ऐवे सीरीज़ जीत थी, जिसे पुजारा ने अपने धैर्य और क्लासिकल बैटिंग से यादगार बनाया।

खेलने का अंदाज़

पुजारा को उनकी क्लासिकल तकनीक और स्टील जैसा धैर्य यादगार बनाता है। विदेशी हालात में उन्होंने नई गेंद को पुराना कर, टीम के लिए रन बनाने का प्लेटफ़ॉर्म तैयार किया।

संन्यास का कारण

पिछले कुछ सालों से टीम इंडिया में उनकी जगह पक्की नहीं थी। उन्होंने परिवार से चर्चा के बाद यह निर्णय लिया और कहा कि अब समय है कि युवा खिलाड़ियों को मौका मिले।

क्रिकेट जगत की प्रतिक्रियाएँ

  • सचिन तेंडुलकर: “नंबर-3 पर तुम्हें आते देखना हमेशा सुकून देता था।”
  • अनिल कुंबले: “तुम खेल के सच्चे ब्रांड एम्बेसडर हो।”
  • BCCI: “तुम्हारी तकनीक और धैर्य टेस्ट क्रिकेट की असली पहचान है।”

घरेलू और काउंटी करियर

पुजारा ने सौराष्ट्र के लिए लगातार रन बनाए। काउंटी क्रिकेट (ससेक्स 2022) में उनके कई दोहरे शतक सुर्खियों में रहे।

विरासत

पुजारा सिर्फ रन नहीं थे—वे समय थे। उन्होंने साबित किया कि टेस्ट क्रिकेट में धैर्य और तकनीक ही जीत की चाबी है। उनकी किताब से आने वाली पीढ़ी सीखेगी कि टीम-फ़र्स्ट सोच ही असली क्रिकेट है।

क्या आपको पुजारा की कोई पारी सबसे यादगार लगती है? हमें कमेंट में बताइए।

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